राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी भी व्यक्ति को गुरु न मानकर परमपवित्र भगवाध्वज को हीं गुरु मानता है। व्यक्ति कितना भी महान हो फिर भी उसमे अपूर्णता रह सकती है। इसके अतिरिक्त यह नहीं कहा जा सकता की व्यक्ति सदैव हीं अडिग रहेगा। तत्व सदा अटल रहता है। उस तत्व का प्रतीक भगवा ध्वज भी अटल है। इस ध्वज को देखतें हीं सम्पूर्ण इतिहास, संस्कृति और परंपरा हमारी आँखों के सामने आ जाती है। जिस ध्वज को देखकर मन में स्फूर्ति का संचार होता है वह अपना भगवा ध्वज हीं अपने तत्व के प्रतीक के नाते हमारे गुरु-स्थान पर है। संघ इसी लिए किसी भी व्यक्ति को गुरु स्थान पर रखना नहीं चाहता।
Author: Dr. Hedgewar
Source: Dr. Hedgewar Charit, page 191