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amrutvachan:stages_of_enterprise

Stages of enterprise

जब काम बहुत छोटा होता है तो लोग उसकी उपेक्षा करते हैं, काम बढ़ने पर दूसरी स्तिथी विरोध की और तीसरी सम्मान की, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। अतः संघ की शक्ति ऐसे बढ़े, ऐसा कार्य फैले, हमारे सब के परिश्रम से, हमारी सक्रियता से की वह तीसरी स्तिथी आ जाये। सब प्रकार से लोग कहेंगे, हम तो बहुत दिनो से कह रहे थे, हम तो संघ के बहुत प्रशंसक थे, हृदय से तो चाहते थे अब बड़ी ख़ुशी की बात है।

Author: रज्जु भैया

Source: हमारे रज्जु भैया पृष्ठ २१४