geet:इतिहास_गा_रहा_है_दिन_रात_गुण_हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा
इतिहास गा रहा है इतिहास गा रहा है, दिन रात गुण हमारा, दुनिया के लोग सुन लो, यह देश है हमारा।।
इस पर जनम लिया है, इसका पिया है पानी, माता है यह हमारी, यह है पिता हमारा।।
यह देवता हिमालय, हमको पुकारता है, गुण गा रही है निशिदिन, गंगा की शुभ्र धारा।।
पोरस की वीरता को, झेलम तू ही बता दे, यूनान का सिकंदर, था तेरे तट पे हारा।।
उज्जैन फिर सुना दे, विक्रम की वह कहानी, जिसमें प्रकट हुआ था, संवत् नया हमारा।।
आता है याद रह-रह, गुप्तों का वह ज़माना, सारे जहाँ पे छाया, वह स्वर्ण युग हमारा।।
चित्तौड़, रायगढ़ और, चमकौर फिर है गरजा, सदियों लड़ा निरन्तर, आज़ाद खूँ हमारा।।
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा।।
इतिहास गा रहा है…।।
