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Geet, Subhashita, AmrutVachan and Bodhkatha

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subhashita:anganvedi_vasudha

कृतसंकल्पधीर

Subhashita

अङ्गणवेदी वसुधा कुल्या जलधिः स्थली च पातालं 
वल्मीकश्च सुमेरुः कृतप्रतिज्ञस्य धीरस्य 

अर्थ : कृत प्रतिज्ञा धीर पुरुष के लिए वसुधा आँगन समान है, सागर नहर समान है, अथाह पाताल समतल समान है, मेरुशिखर दीमक का बमीठा है।

ये 'हर्षचरित' और 'कादंबरी' के रचयिता बाणभट्ट की प्रसिद्ध पंक्तियाँ हैं। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रतिज्ञित, समर्पित दृढ़चित्त स्वयंसेवक के लिए विशाल पृथ्वी मात्र एक प्रांगण है। अत्यंत गहरा अनंत सागर मात्र एक झरणी है। तलहटी नहीं, ऐसा पाताल समतल है। गगनचुंबी महामेरू बाँबी है। उनके लिए कोई कार्य असाध्य नहीं। असाध्य शब्द उनके शब्दकोश में नहीं है। 

IAST transliteration

aṅgaṇavedī vasudhā kulyā jaladhiḥ sthalī ca pātālaṃ 
valmīkaśca sumeruḥ kṛtapratijñasya dhīrasya