subhashita:samprapya_bharte
सम्प्राप्य भारते जन्म
Subhashita
सम्प्राप्य भारते जन्म सत्कर्मसु पराङ्मुखः
पीयूषकलशं हित्वा विषभाण्डं स इच्छति
Hindi meaning
भारतभूमि पर जन्म मिलने पर भी जो सत्कर्मो से दूर रहता है, वह अमृतकलश को फोड़ कर विष से भरे घड़े को चाहने वाले के समान है।
Source
सुभाषितम् - Page 19